गाज़ियाबाद स्वच्छता अभियान की खुलती पोल, शहर में जगह-जगह कचरे के झोल

स्वच्छता अभियान को पलीता लगा रहे नगर निगम अधिकारी व सफाई कर्मचारी

गाज़ियाबाद/ भले ही भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सपना है “स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत” और उन्होंने इस सपने को साकार करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी हो, लेकिन कुछ निचले स्तर के छुटभैये नेताओं, अधिकारी एवं कर्मचारी उनके इस सपने को पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की तैयारी चल रही है वही अफसरशाही एवं नौकरशाही की उदासीनता एवं कार्य में लापरवाही के चलते उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश में नहीं बदल सकता।

गाज़ियाबाद

तस्वीर में जो नजारा दिखाया गया है यह गाजियाबाद के वार्ड नंबर 26, भूड़ भारत नगर का इलाका है, जहां नगर निगम के सफाई कर्मचारी गली मोहल्लों से कूड़ा इकट्ठा करके एक जगह पर डंप कर रहे हैं। इतना ही नहीं इस कूड़े के निस्तारण की भी कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण डंप किए कूड़े मैं ही आग लगा दी जाती है, जिससे वायु प्रदूषण और अधिक तीव्र हो जाता है और स्थानीय निवासियों को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

ऐसा नहीं है कि जनप्रतिनिधियों एवं नगर निगम अधिकारी व कर्मचारी एवं शासन प्रशासन को इस समाजिक समस्या का ज्ञान नहीं है, कई बार मोहल्ले वासियों ने इसकी शिकायत यहां के भाजपा पार्षद एवं निवर्तमान नगर निगम उपाध्यक्ष सुनील यादव से की है और साथ ही नगर निगम जोनल कार्यालय को भी इस समस्या से अवगत कराया है किंतु किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती।

ऊपरी दिखावे करते हुए शासन प्रशासन भले ही शहर के बाहरी हिस्सों में मुख्य मार्गों पर अपने स्वच्छता अभियान का गाना बजाते हुए अपने मुंह मियां मिट्ठू बन रहा हो किंतु सच बात तो यह है कि अगर अंदर से देखा जाए तो शहर के अंदर अनेकों ऐसे कूड़े के ढेर, रुका हुआ पानी एवं मलबा, टूटी हुई नालियां, गलियां एवं सड़कें मिलेंगी जहां पर किसी जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं कर्मचारी का कोई ध्यान नहीं है।

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