दिल्ली:- महंगाई यह एक ऐसा बड़ा मुद्दा है जिसकी वजह से हमारे देश की अर्थव्यवस्था से बहुत बार उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। हर साल सरकार बजट वृद्धि में काम करती है जिसकी वजह से आम लोगों की जेब पर बहुत असर पड़ता है। हालांकि अक्सर देखा गया है कि चुनाव के दौरान सरकार आम जनता से वादा करती है कि यह महंगाई कम करेगी वहीं दूसरी तरफ जब चुनाव जीत जाती है तो वह अपने वादे को भूल जाती है और निराशा ही मिलती है। दरअसल महंगाई का असर हर चीज पर पड़ता है। जिसकी वजह से ग्रामीणों का पूरे महीने का बजट बिगड़ जाता है। चाय, फल, सब्जी, तेल, दूध, गैस आदि हो इसका सीधा असर पड़ता है। बाघ रुपए तक ही नहीं होती है महंगाई का असर पेट्रोल सीएनजी आदि पर भी पड़ता है। बहरहाल हर बार आम जनता सोचती है कि इस बार सरकार बजट में कोई राहत की सांस दिलाएगी लेकिन ऐसा होता ही नहीं है।
वहीं महंगाई के साथ-साथ 2 साल से हमें करोना जैसी महामारी से बहुत जूझ रहे हैं। इस महामारी ने ना जाने कितने अपने लोगों के साथ हमसे छीन लिया। इतना ही नहीं हम अपने परिवार के सदस्यों को कंधा तक नहीं दे पाए। चाहे वह हमारे अधिवक्ता भाई बहन ही ना हो इसी करोना कि महामारी को देखते हुए हमारे दिल्ली बार काउंसिल ने जब तक करोना की महामारी चल रही थी तब तक हमारे अभीवक्ता को 1 महीने का राशन देने का काम किया था और यह है हर महीने तक मुहिम चलाई गई थी और आगे भी चलाई जाएगी अगर कुछ भी होता है और साथ ही साथ करोना महामारी के चलते कारोबार ठप हो गए थे लोग बेरोजगार हो गए कहीं वेतन के लाल तो कहीं आधे वेतन से परिवार को पालना पड़ा। अब हम इस बीमारी से इस तरह बाहर निकल रहे हैं तो महामारी ने हमें जकड़ लिया आज निंबू इतना महंगा है टमाटर और प्याज थाली से गायब हो गया है। और साथ ही साथ पेट्रोल के डीजल के दाम भी काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं भारत सरकार को चाहिए कि वह महंगाई पर अंकुश लगाए और नए कारोबार स्थापित करें ताकि लोग अपने परिवार का पालन पोषण अच्छी तरह कर सकें ।
अधिवक्ता दीपिका गुप्ता का कहना है कि मैंने अपने वकील भाइयों बहनों के लिए ही नहीं आम जनता के लिए भी भारत सरकार से अपील की है कि महंगाई कम की जाए ताकि जो हमारे देश के गरीब परिवार हैं उनको महंगाई से राहत मिले और जिन भाइयों बहनों की नौकरी चली गई है इस महामारी से उनके लिए कुछ नौकरियां निकाली जाए जिस कारण उनका और उनके परिवार का पालन पोषण हो सके