हापुड़ जनपद में बढ़ते प्रदूषण के कारण स्कूलों में छुट्टियां की जा रही हैं, लेकिन इसके साथ ही जिले में स्थित क्रेशर भी पर्यावरण के लिए खतरा बन गए हैं। जिले में सैकड़ों क्रेशर चल रहे हैं, जिनमें से कई क्रेशर तो सिम्भावली से केवल पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। रतुपुरा से हरोड़ा तक के इलाके में भी पांच क्रेशर सक्रिय हैं। इन क्रेशरों की चिमनियां महज छह फीट ऊंची हैं, जो कि प्रदूषण फैलाने का मुख्य कारण बन रही हैं।
स्थानीय लोगों और पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इन क्रेशरों से लगातार निकलने वाला धुंआ और गंदगी आसपास के पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित कर रही है। खासकर रात्रि के समय में, जब क्रेशर 16 घंटे तक चलते रहते हैं, तो इनसे निकलने वाला धुंआ और प्रदूषण और भी बढ़ जाता है।
यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार इन क्रेशरों पर कड़ी कार्रवाई करेगी और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाएगी? प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए अब लोगों को अपनी स्वास्थ्य और पर्यावरण के बारे में चिंता होने लगी है।हापुड़ में प्रदूषण का एक्यूआई बढ़कर 375 से अधिक था
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