दिल्ली में प्रदूषण पिछले 6 दिनों से बेहद खतरनाक लेवल पर बना हुआ है। सोमवार सुबह यहां औसत AQI 481 रिकॉर्ड किया गया। अशोक विहार और बवाना इलाके में AQI 495 दर्ज किया गया। गुरुग्राम में AQI लेवल 576 तक पहुंच गया।
प्रदूषण के चलते दिल्ली के कई इलाकों में धुंध छाई हुई है। पालम समेत कुछ इलाकों में विजिबिलिटी घटकर 150 मीटर रह गई। इस कारण फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं। सोमवार सुबह इंडिगो और स्पाइसजेट के विमान 1 घंटे की देरी से उड़े।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 18 नवंबर 2024 की सुबह 8 बजे से दिल्ली-NCR में बदले हुआ ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे फेज को लागू कर दिया है।
साथ ही 9वीं तक के स्कूलों की ऑनलाइन क्लास चलाने को कहा गया है। 10वीं-12वीं के बच्चों के लिए मास्क जरूरी कर दिया गया है।
उधर, हरियाणा के भी 5 जिलों के प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। 14 जिलों में GRAP-4 के प्रतिबंध भी लागू किए गए हैं।
दिल्ली CM आतिशी ने कहा-10वीं और 12वीं को छोड़ सभी क्लासेस ऑनलाइन होंगी। GRAP-4 के लागू होने साथ ही कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। साथ ही बच्चों, बुजुर्गों, सांस और दिल के मरीजों, पुरानी बीमारियों से पीड़ितों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है।
2,200 से ज्यादा पुरानी गाड़ियां जब्त कीं दिल्ली परिवहन विभाग ने 1 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच 2,234 ज्यादा गाड़ियां जब्त कीं, जो बेहद पुरानी थीं।राजधानी में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए यह कदम उठाया गया। इनमें 10 साल से ज्यादा पुराने 260 डीजल चार पहिया, 1,156 पेट्रोल दोपहिया वाहन और 15 साल से ज्यादा पुराने 818 पेट्रोल तीन और चार पहिया वाहन शामिल हैं। यह कार्रवाई दिसंबर तक चलेगी। जब्त वाहनों की स्क्रैपिंग या बिक्री के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है।
दिल्ली में 37% प्रदूषण पराली जलाने की वजह से सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, रविवार सुबह 7 बजे दिल्ली की 14 लोकेशन पर AQI 400+ दर्ज किया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 37% प्रदूषण दिल्ली और आसपास के राज्यों में पराली जलाने से हुआ है। वहीं, 12% पॉल्यूशन की वजह गाड़ियों से होने वाला कार्बन उत्सर्जन है।
दिल्ली के अलावा हरियाणा के भी कई शहरों में AQI 400 के करीब पहुंच गया है। खतरनाक प्रदूषण को देखते हुए हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में 5वीं तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेस चलाने का फैसला किया है।
AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है हव प्रदूषण के स्तर की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटकर देखा गया है। हर स्तर के लिए लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।
- GRAP-1: खराब (AQI 201-300)
- GRAP-2: बहुत खराब (AQI 301-400)
- GRAP-3: गंभीर ( AQI 401 से 450)
- GRAP-4: बहुत गंभीर ( AQI 450 से ज्यादा)
AQI क्या है और इसका हाई लेवल खतरा क्यों AQI एक तरह का थर्मामीटर है। बस ये तापमान की जगह प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है।
हवा में पॉल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे तो 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन अभी हालात ये हैं कि राजस्थान, हरियाणा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में ये 300 के ऊपर जा चुका है। ये बढ़ता AQI सिर्फ एक नंबर नहीं है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है।