साइबर ठगों का शातिर गिरोह
आजकल साइबर ठगों का बोलबाला है। पुलिस के पास आए दिन ठगी के सैकड़ों किस्से और कहानियां पहुंच रही हैं। वहीं दर्जनों लोग साइबर फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं. लेकिन इनके हाथ में उंगली जितनी होशियार होती है, ये पुलिस की गिरफ्त में आ सकते हैं.

पुलिस ने पकड़ा ऐसा फर्जी कॉल सेंटर
दिल्ली साइबर क्राइम: इस सिलसिले में दिल्ली की स्मार्ट पुलिस ने साइबर ठगी के लिए कॉल सेंटर खोलने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. उस फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले शातिर ठगों को उन लोगों ने निशाना बनाया जिनके पास क्रेडिट कार्ड थे. पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर 11 लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
पुलिस ने इनके पास से 117 सिम कार्ड, 28 मोबाइल फोन और कई ऐसे दस्तावेज बरामद किए हैं, जिन पर क्रेडिट कार्ड रखने वाले लोगों का सारा डाटा रिकॉर्ड होता है.
पुलिस के मुताबिक यह गैंग क्रेडिट कार्ड रखने वाले लोगों को फोन कर ठगी करता था। अक्सर ये कॉल क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने या कार्ड का बीमा कराने के नाम पर किए जाते थे।
क्रेडिट कार्ड का ध्यान रखें
साइबर क्राइम न्यूज इन हिंदी: दरअसल दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि ओमान नाम का एक शख्स जनकपुरी इलाके में कॉल सेंटर चला रहा है. उस कॉल सेंटर में क्रेडिट कार्ड का काम होता है। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि यह फर्जी कॉल सेंटर है जिसमें क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने, कार्ड इंश्योरेंस कराने या क्रेडिट कार्ड पर लोन लेने के नाम पर धोखाधड़ी की जाती है।
इस शातिर गिरोह का निशाना वे लोग भी थे जो नया क्रेडिट कार्ड बनवाना चाहते थे। ये लोग रिवॉर्ड प्वाइंट भुनाने के नाम पर क्रेडिट कार्ड धारकों को ठगते थे। उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला ओमान 12वीं पास है और वह पहले एक कंपनी में काम करता था जहां क्रेडिट कार्ड की बिक्री होती थी। वहीं से ओमान को एक कॉल सेंटर के जरिए फर्जी दुकान चलाने का आइडिया आया।
सॉफ्टवेयर कंपनियों से मिलीभगत
LATEST DELHI CRIME IN HINDI: पुलिस जांच में यह भी पाया गया है कि पहले ओमान नौकरी देने के नाम पर बेरोजगारों को ठगता था। लेकिन बाद में उन्होंने क्रेडिट कार्ड वालों की जेब काटनी शुरू कर दी। पुलिस को यह भी पता चला है कि गिरोह के एक सॉफ्टवेयर निर्माता के साथ संबंध थे, जहां से ये लोग क्रेडिट कार्ड धारकों का विवरण प्राप्त करते थे।
पूछताछ में पता चला कि ओमान को पिछले 3 महीनों में अलग-अलग तरीकों से 50,000 लोगों के क्रेडिट कार्ड का विवरण मिला। पुलिस ने इस पूरे नेटवर्क को इस मामले में पकड़ लिया है।