नोएडा में QR कोड बदलकर डॉक्टर से ठगी:3 साल में 10 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी

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फर्जी क्यूआर कोड बनाकर डॉक्टर की करीब 10 लाख रुपए फीस को अपने खाते में लेने वाले आरोपी और उसके साथी को साइबर क्राइम थाने की टीम ने गिरफ्तार किया। 24 फरवरी को पीड़ित डॉक्टर ने आरोपी महेश कुमार को नामजद करते हुए सेक्टर-58 थाने में केस दर्ज कराया था।

आरोपियों की पहचान आगरा के मलपुरा निवासी संजय कुमार और एटा के बरौली निवासी अजय कुमार के रूप में हुई है। मुख्य आरोपी महेश अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है।

10 लाख से अधिक की है रकम
फरवरी में पुलिस को दी शिकायत में चौड़ा गांव निवासी डॉक्टर अजय अग्रवाल ने बताया था कि वह बीते 3 साल से सेक्टर-61 में अग्रवाल क्लिनिक चला रहे हैं। एक दिन पता चला कि उनके यहां काम करने वाला महेश कुमार मरीजों से मिलने वाली फीस को फर्जी क्यूआर कोड से अपने खाते में ले रहा है।

पुलिस ने जब महेश से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह अपने मेडिकल रिप्रजेंटेटिव्स जीजा के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर रहा था। ठगी की रकम 10 लाख से भी अधिक है।

3 साल से कर रहे थे काम
महेश और उसके जीजा संजय बीते 3 साल से ऐसा कर रहे थे। केस सेक्टर-58 से साइबर क्राइम थाने में ट्रांसफर हुआ था। पूछताछ में संजय ने बताया-वह लंबे समय से एमआर का काम कर रहा है। 2022 में वह डॉ. अजय अग्रवाल व मोनिका अग्रवाल के क्लिनिक पर दवाइयों के प्रचार प्रसार के लिए जाता था। उसी समय उसने डॉ. अजय की क्लिनिक पर जांच के लिए अपने साले महेश को रखवा दिया गया था, जो उस समय उनके पास ही मकान में रहता था।

क्यू आर कोड बदलकर अपना कोड लगाया
पुलिस के मुताबिक- महेश ने क्लिनिक पर क्यूआर कोड को बदलकर अपना क्यूआर कोड लगा दिया। इससे शिकायतकर्ता की फीस उसके खाते में न जाकर दूसरे के खाते में जा रही थी। महेश व संजय ने धोखाधड़ी के पैसे को अजय कुमार कठेरिया के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता था। रकम निकालकर तीनों आपस में बांट लेते थे। फरार आरोपी महेश की तलाश जारी है।


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