देवरिया और सलेमपुर में चुनाव-दर-चुनाव बदलते रहे हाथी के महावत
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पुराने लोग दूसरे दलों की बढ़ा रहे शोभा, आखिरी बार 2009 में दोनों सीटें जीती थी बसपा

देवरिया जिले में दिनों दिन चुनाव प्रचार रोचक होता जा रहा है। यहां मतदान आखिरी चरण में होना है। पहले चरण के मतदान के बाद चाय की दुकानों पर राजनीतिक कयास बाजी का दौर बढ़ गया है। वहीं जिला मुख्यालय की सदर सीट और सलेमपुर सीट से बसपा ने अपने प्रत्याशी नहीं घोषित किए हैं। इसको लेकर इलाकाई राजनैतिक पंडित दबी जबान से बसपा की रणनीति बता रहे हैं। जबकि पार्टी के जिम्मेदार इसे आखिरी चरण में चुनाव होने से सामान्य बात बता रहे हैं।

सलेमपुर लोकसभा सीट 5 विधानसभाओं को जोड़कर बनी है, जिसमें देवरिया जिले की भाटपार रानी और सलेमपुर सुरक्षित है तथा तीन सीटें बलिया की हैं। बिल्थरा, सिकंदर पुर और बांसडीह। वर्ष 1999 और वर्ष 2009 में बहुजन समाज पार्टी यहां से चुनाव जीत चुकी है। इसके आलावा सभी चुनावों में बीएसपी यहां मुख्य लड़ाई में रही है।

1999 में बसपा प्रत्याशी बब्बन राजभर जीते थे चुनाव
वर्ष 1999 में बसपा प्रत्याशी बब्बन राजभर चुनाव जीतकर सांसद बने और बसपा का सलेमपुर में पहली बार खाता खुला। कभी हाथी के महावत रहे रमाशंकर राजभर विद्यार्थी ने यहां से कद्दावर समाजवादी नेता हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा को वर्ष 2009 में हराकर जीत दर्ज़ की और पहली बार सांसद बने।

रमाशंकर विद्यार्थी ने साइकिल की सवारी चुनी
हाथी के महावत रहे दोनों नेताओं ने बसपा से मोहभंग के बाद अलग राह चुन ली। बब्बन राजभर भाजपा में चले गए।वहीं रमाशंकर विद्यार्थी ने साइकिल की सवारी मुफीद समझी। समाजवादी पार्टी में अब राष्ट्रीय सचिव रमाशंकर विद्यार्थी को पार्टी ने सलेमपुर से इंडी गठबंधन का प्रत्याशी बनाया है।

देवरिया सदर सीट से वर्ष 2009 में बसपा ने चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया था। गोरखपुर मंडल के लोकसभा परिणामों में सबसे चौंकाने वाला परिणाम रहा था। यहां बसपा के गोरख प्रसाद जायसवाल ने बीजेपी के श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी और दिग्गज समाजवादी नेता मोहन सिंह को हराकर चुनाव जीता था।वर्ष 2014 में बसपा ने मुस्लिम चेहरे नियाज़ अहमद खां पर दाव लगाया।

चुनाव हारने के बाद नियाज़ ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली।2019 में बसपा ने यहां से बिहार के एमएलसी बिनोद जायसवाल को लड़ाया था। सपा के गठबंधन से चुनाव लड़े बसपा प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे।बिनोद जायसवाल अभी लालू प्रसाद यादव की राजद का हिस्सा हैं और उनके करीबी लोगों में गिने जाते हैं।

 


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By LALIT SHARMA

मैंने पंजाब केसरी से पत्रकारिता की शुरुआत की थी, जहां मैंने करीब एक साल कार्य किया। इसके बाद नवोदय टाइम्स के लिए मेरठ ग़ज़िआबाद और नॉएडा । मेने पत्रकारिता में जंतर मंतर पर कई बड़े धरना प्रदर्शन कवर किए। इसके बाद 2021 में मेने ग़ज़िआबाद से PHM NEWSPAPER की शुरुवात की । मेने 2020 में लॉकडाउन से लेकर किसान आंदोलन तक की कवरेज की और अभी आगे का सफर जारी है