अनुज शर्मा शर्मा | शाहजहांपुर जेल में महिला बंदी सत्यभामा की 5 वर्षीय बेटी आरुषि का जन्मदिन जेल प्रशासन द्वारा धूमधाम से मनाया गया।
इस अवसर पर सभी महिला बंदियों ने मिलकर खुशी के गीत गाए। तथा लोक गीतों व भजनों पर वाद्य यंत्रों के साथ समूह नृत्य किया।
जेल प्रशासन द्वारा बालिका के जन्म दिन पर केक कटवाया।तथा सूट, चप्पल, चाकलेट,चिप्स भेंट किए।
ज्ञात हो कि कारागार में महिला बंदियों के साथ रहने वाले मासूम बच्चे किसी अपराध में नहीं, बल्कि वे बेगुनाह हैं।उन्हें केवल इस बजह से जेल में रहने पर मजबूर होना पड़ा है कि वे कम उम्र होने के कारण मां के बिना नहीं रह सकते है।
जेल में रहते हुए उनके शारीरिक, मानसिक या मनोवैज्ञानिक स्तर पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़े, उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए उन्हें शिक्षा, खान-पान, खेलकूद की सुविधाएँ उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें बाल सुलभ नये नये कपड़े, जूते, खिलौने, चाकलेट, चिप्स, कुरकुरे, बिस्कुट, फल,दूध, मनोरंजन के साधन आदि मुहैय्या कराये जाते हैं। कारागार में निरुद्ध शिक्षित महिलाओं के अलावा एक पुरुष व एक महिला अध्यापक उनकी पढ़ाई-लिखाई के लिए रखी गई हैं।
इसी कड़ी में बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्तर पर विकास करने तथा जेल में रहते हुए उनमें कोई हीन भावना न घर कर पाए ,बच्चों का जन्म दिन मनाया जा रहा है।इससे एक तरफ जहां बच्चों का मनोबल ऊंचा होता है तथा दूसरी ओर महिला बंदियों का मनोरंजन होता है जिससे उनका तनाव व निराशा दूर करने में मदद मिलती है।
इस अवसर पर सभी बच्चों को चाकलेट, चिप्स, मिष्ठान, फल,तथा महिला बंदियों को केक,फल भेंट किए गए।