कोरोना का बढ़ा खतरा, दक्षिण कोरिया में 3 दिन में 11 लाख नए मामले, चीन में भी बेकाबू हालात, जानिए भारत के लिए कितना है खतरा

कोरोनावायरस का खतरा अभी टला नहीं है। दुनिया भर के कई देशों में नए मामले एक बार फिर डरा रहे हैं। खासकर एशियाई देशों में जो नए आंकड़े सामने आ रहे हैं, उन्होंने सभी की चिंता बढ़ा दी है. इसको लेकर भारत में अलर्ट भी जारी कर दिया गया है।

कोरोना वायरस ने एक बार फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया है. एशिया और यूरोप के कई देशों में कोविड-19 के नए मामलों ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. अकेले दक्षिण कोरिया में तीन दिन के भीतर 11 लाख नए मामले सामने आने से हड़कंप मच गया है। इतना ही नहीं चीन में भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। यूरोप के कुछ देशों में भी कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि लगातार कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है. हालांकि भारत में कोविड-19 के मामलों में तेजी से गिरावट आ रही है। लेकिन एशियाई देशों में बढ़ते खतरे के बाद केंद्र से लेकर राज्य सरकार अलर्ट मोड पर है.

पिछले 24 घंटे में दुनियाभर में कोरोना के 11 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इतना ही नहीं इस दौरान 2917 लोगों की महामारी से जान भी जा चुकी है। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश की बात करें तो इस वक्त सबसे ज्यादा मामले दक्षिण कोरिया में मिल रहे हैं।

दक्षिण कोरिया में पिछले 24 घंटे में 3.34 लाख मामले मिले हैं। जबकि तीन दिन में यह आंकड़ा 11 लाख पहुंच गया है. उधर, चीन में एक बार फिर से कोरोना के चलते हालात बेकाबू होने लगे हैं। कई शहरों में पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया, इसके बावजूद नए मामलों में कोई कमी नहीं आई है।

मरने वालों की संख्या

20 मार्च को दक्षिण कोरिया में कोरोना के 334708 मामले मिले। वहीं 19 मार्च को 381329 मामले और 18 मार्च को 407017 मामले पाए गए. यहां पिछले तीन दिनों में 900 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

चीन में 4 हजार से ज्यादा नए मामले

चीन दो साल में कोरोना से अपने सबसे खराब हमले का सामना कर रहा है। जिलिन प्रांत के दूसरे सबसे बड़े शहर जिलिन में रविवार को यहां पाबंदियों की घोषणा की गई है। सोमवार से अब तक 45 लाख लोग अपने घरों में कैद हो चुके हैं. चीन में रविवार को 4,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए। इनमें से दो तिहाई मामले जिलिन प्रांत में पाए गए।

2 दिन में एक बार सामान खरीदने की छूट

खास बात यह है कि जिलिन उत्तर कोरिया और रूस के साथ अपनी सीमा साझा करता है। प्रशासन ने कहा है कि प्रतिबंधों को और कड़ा किया जाएगा। 11 मार्च से अब तक 90 लाख लोग अपने घरों में कैद हैं। यहां लोगों को दो दिन में एक बार ही खाने-पीने का सामान खरीदने के लिए घरों से बाहर निकलने की इजाजत दी जा रही है.
भारत के लिए क्या खतरा है?

भले ही दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हों, लेकिन भारत के बारे में जानकारों का मानना ​​है कि भविष्य में भारत में कोरोना की लहरों का गंभीर असर होने की संभावना नहीं है. भारत में तेजी से टीकाकरण और प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण आने वाले समय में कोविड-19 की लहरों का गंभीर असर होने की संभावना नहीं है।

एम्स विशेषज्ञ और कोवैक्सिन परीक्षण के प्रमुख डॉ संजय राय के अनुसार, SARS-CoV-2 एक RNA वायरस है। उसमें म्यूटेशन होना तय है। उन्होंने कहा, अब तक 1,000 म्यूटेशन हो चुके हैं। लेकिन केवल 5 वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है।

बता दें कि भारत में सोमवार को कोरोना के 1,549 मामले सामने आए। वहीं, 31 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में फिलहाल 25,106 एक्टिव केस हैं।

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